Tuesday, January 6, 2009

Duryodhan's Diary Found...

Just discovered, the secret Diary of Duryodhana...

One day:
Everyone knows I’m the jack of all master of one... my favourite Gada. Acharya Drona, who I have the utmost respect for when it comes to teaching, has one folly. He has favourites. अगर आज अर्जुन ने बोला होता की मुझे चिडिया की आँख नही, हाथी की आँख दिख रही है, तब भी आचार्य द्रोण ने उसको ही पक्षी को मारने को बोला होता... “good... चिडिया हो या हाथी... तुम्हे सिर्फ़ आँख ही दिखनी चाहिए”

Another Day:
Today I invited, Yudhisthir to a game of chaupad... It was all fun till he became too possessive. I never knew Bhratashri was such a bad loser. People call him dharmaraj but today he proved them wrong. When he didn’t have anything to lose, he pledged his wife!!! Which devil would do that? I was shocked to hear that and thought he was kidding, but then he proceeded to play...

Yet Another Day:
Out of nowhere, भ्राताश्री has started asking for all kingdom to be declared his. इतने साल से मैं रखवाली कर रहा हूँ... Dad अंधे हैं पर एक दिन चैन से नही बैठे... हम 100 भाई दिन रात एक कर देते हैं पर प्रजा को complain का मौका नहीं देते... And आज suddenly... I’m sure इसके पीछे उस कृष्ण का हाथ है... पहले से पांडवो को ग़लत ग़लत पाठ पड़ता रहता था... पर वोह नही जानता की मेरे कारण ही उसकी द्वारका बची है... नही तो कब का attack हो चुका होता उसपे... खैर, talent की कमी नही है बन्दे में... try तो करेंगे उसे अपनी side लेने की... आ गया तो good...

And Yet Another Day:
Today, against all my wishes, I took to battle-field. Arjun में थोडी sense थी... उसे लगा की जो हो रहा है ग़लत है... but वोह कृष्ण फ़िर से बीच में आ गया... कुछ तो लम्बी लम्बी हांकी और अर्जुन ने agree कर लिया... साथ में युयुत्सु को भी पटा लिया... मैं तो बहुत बड़े धर्म संकट में हूँ... कैसे मारूँ अपने भाइयों को... Thankfully, आचार्य and पितामह हमारी side से ही लडेंगे... पितामह हमेशा बोलते हैं की वोह हस्तिनापुर की भलाई चाहते हैं... पर भ्राताश्री उनकी सुनते ही नहीं...

And another Yet Another Day:
आज फ़िर उस कृष्ण ने गड़बड़ की| पहले तो हमनें बहुत ही चतुराई से आज का युद्ध लड़ा... पहले अर्जुन को चक्रव्यूह से दूर ले के गए और फ़िर अभिमन्यु को घेर लिया... पांडव भी इतने कायर हैं की कोई आगे नहीं आया... एक बच्चे को भेज दिया| but last में, युद्ध के नियमो के against, जयद्रथ को मारा... Hypnotism से पहले sunset करवाया और फ़िर सूरज निकाल दिया... पूरा world धोखा खा सकता है... but मैं नहीं. इसके लिए कभी माफ़ नहीं कर सकूंगा कृष्ण को...

The semi-final entry:
अभी माताश्री ने बुलाया था... कृष्ण मिला रास्ते में. उसकी आंखों में वही पुराणी धूर्तता थी. भीम भी जानता है की मुझसे विजयी नहीं हो सकता... आज उसके हारने का दिन है. पर कृष्ण की चाल को कौन समझ सकता है!!! जो भी हो, मुझे अपना धर्म निभाना है, पाण्डवों ने यह युद्ध आरम्भ किया. आज मैं समाप्त करूंगा. धर्म की लडाई थी जो पाण्डवों ने अधर्म से लड़ी. आज मेरे 98 भाई मारे जा चुके हैं, पिताश्री हार मान चुके हैं, पर मैं कैसे छोड़ दूँ. हस्तिनापुर का भाग्य उन पाण्डवों के हाथ में नहीं छोड़ सकता. कृष्ण तो अपनी द्वारका का विनाश कर चुका है... न जाने द्वारका कब समुद्र में समां जाए!!! मैं अपना धर्म निभाऊँगा... धर्मराज को धर्म सिखाऊँगा...

The Final Entry:
मैं जानता था पांडव नहीं लड़ सकते धर्म की लडाई. मैनें हमेशा भला चाह और वोह!!! कृष्ण ने दुनिया को दिखा दिया की दुनिया में भगवान् नहीं हैं. राम चले गए और साथ ही उनकी मर्यादा भी. कहते हैं कलियुग आएगा, शायद यही शुरुआत है... अब कहानियाँ बनेंगी की सुयोधन ने यह किया वोह किया, सत्य हमेशा की तरह लाक्षाग्रह की लपटों में जल जायेगा. क्या पटा मेरा नाम ही बदल दें... मेरे पास ज्यादा वक्त नहीं... अपनी अन्तिम कलम से सब हस्तिनापुर वासियों को मेरा आखिरी अलविदा.

Truth Always Triumphs??? Nopes, Triumphant Tells you the "Truth"

2 comments:

skhajone said...

Winner writes history..... very very true. wonderfully put :) very very creative....... it was fun to hear the other side too :)

Keep it up :)

Puneet said...

The other side was inspired by one of ur posts... the diary of the dog on diwali :)
Winner takes all was described by my marketing course where we study a company strategy just coz it succeeded. There are other strategies, which might hv done well but lost out just coz one outspoken consumer had used one product earlier than the other and posted views and reviews among future buyers... this was one of my learning from term 2 at XL :)